कहने को साथ अपने एक दुनिया चलती है
पर छुपके इस दिल में तन्हाई पलती है
कहीं तो दिल में यादों की इक सूली गढ़ जाती है
कहीं हर एक तस्वीर बहुत ही धुंधली पड़ जाती है
कोई नयी दुनिया के नए रंगों में खुश रहता है
कोई सब कुछ पाके भी ये मन ही मन कहता है
कहने को साथ अपने एक दुनिया चलती है
पर छुपके इस दिल में तन्हाई पलती है