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Lyrics
हम्म हम्म
मगर लगता है कुछ ऐसा
अहंम मिल गया
न तुम हमें जानो
न हम तुम्हें जानें
मगर लगता है कुछ ऐसा
मेरा हमदम मिल गया

ये मौसम ये रात चुप है
ये होंठों की बात चुप है
खामोशी सुनाने लगी है दास्तां
ये मौसम ये रात चुप है
ये होंठों की बात चुप है
खामोशी सुनाने लगी है दास्तां
नज़र बन गई है दिल की ज़बां
न तुम हमें जानो आ
न हम तुम्हें जानें आ
मगर लगता है कुछ ऐसा आ
मेरा हमदम मिल गया आ

मुहब्बत के मोड़ पे हम
मिले सबको छोड़ के हम
धड़कते दिलों का ले के ये कारवाँ
मुहब्बत के मोड़ पे हम
मिले सबको छोड़ के हम
धड़कते दिलों का ले के ये कारवाँ
चले आज दोनों जाने कहाँ
न तुम हमें जानो
न हम तुम्हें जानें
मगर लगता है कुछ ऐसा
मेरा हमदम

WRITERS

MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN

PUBLISHERS

Lyrics © Royalty Network

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