गुम हैं सारे पल मेरे, रहमत मुझपे कर ज़रा
पनाहों में थाम ले, हिफ़ाज़त ना है रूहें की यहाँ
आ, बाक़ी नहीं कोई एहसास है
Yo, बजेगा जंग का डंका उससे पहले ख़ाली फैली है शांती
लगाके लूँगा मैं साँस, तब उड़ेगी घास पर आती जब आँधी
वो रहते हैरान, ये केसा तूफ़ान! जो दिखने में लगता इंसान ही
पर आया जब प्यार से ना आए हथियार तो काटूँगा सब को ज़बान से
आँखें झुके वो निशाने, आने-जाने वाले मेरे जैसे भूखे नहीं
पूरा ये वार्तालाप, ये ज्ञान तालाब, सरगम ये सूखे नहीं
बोले नहीं बोल-तोल के, तोल-मोल के, फँसे नहीं कभी हम झोल-मोल में
Storm goal रखा पूरा ये जिगर और कानों में rap की हम soul मोल में, yeah
ऐसा मेरा इस्त्रार (वोओ वोओ)
WRITERS
PRAYAG MEHTA, RISHAB JOSHI, SOMANSHU AGARWAL, YASHRAJ MEHRA