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Lyrics
हल्की खनक सी कहीं सुन रही
रोशन झलक सी कोई दिख रही
ज़ेहन साज़ कुछ गुनगुनाने लगा
कहानी नये पन्ने है चुन रही
क़त्रे बहे जो इकठे हुए थे
अब धूप की आमदें
बिखरना था आसान जो होने दिया ना
कायनात है साथ में
हल्की खनक सी कहीं सुन रही

याद कोई दिल के दर पे मेरे मुस्कान दे जाएगी
हल्की नरम धूप बातें तेरी राहत ही दे जायेंगी
क़त्रे बहे जो इकठे हुए थे अब धूप की आमदें
बिखरना था आसान जो होने दिया ना
कायनात है साथ में हल्की खनक सी कहीं सुन रही
रोशन झलक सी कोई दिख रही
ज़ेहन साज़ कुछ गुनगुनाने लगा
कहानी नये पन्ने है चुन रही
हल्की खनक सी कहीं सुन रही

WRITERS

Shellee, Karan Kulkarni

PUBLISHERS

Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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