तू कहीं पहाड़ों में बस हाथों में
हाथ लिए बैठे रहे तेरी सोहबत में
ख्यालो को साथ लिए चुराए हुए चुटकुले पे मेरे
खिलके तेरा हसना बाहों में लेके तेरा मुझको
कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो
कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो
दिल में जो लाखों बातें आंखों से क्या देना तुम
रंग जो तितलियों के है आचल में भर लेना तुम
देखो कैसे कुदरत भी हमारा साथ दे
कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो
कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो