रौशनी क्यूँ छिलकी आँखों से
ख्वाबों ने भी दस्तक छोड़ दी
रौशनी क्यूँ छिलकी आँखों से
ख्वाबों ने भी दस्तक छोड़ दी
तू है तू है तू है यही कही
तू है तू है तू है यही कही
तू है तू है तू है यही कही
बंदगी क्यूँ छूटे हाथों से
साँसों की थी सांसो से जुडी
तू है तू है तू है यही कहीं
तू है तू है तू है यही कहीं
तू है तू है तू है यही कहीं