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Lyrics
रौशनी क्यूँ छिलकी आँखों से
हैं खफा भला किन बातों से
नींदों ने भी करवट मोड़ ली
ख्वाबों ने भी दस्तक छोड़ दी
फिर भी लगे मुझे यहीं

रौशनी क्यूँ छिलकी आँखों से
हैं खफा भला किन बातों से
नींदों ने भी करवट मोड़ ली
ख्वाबों ने भी दस्तक छोड़ दी
फिर भी लगे मुझे यहीं
तू है तू है तू है यही कही
तू है तू है तू है यही कही
तू है तू है तू है यही कही

आँखों की ज़िद यही है
चाहे तुझे देखना
सोचु तो बस तुझे सोचु
मुझे कुछ ना सोचना
इस दिल की लत यही है
धड़के ना तेरे बिना
एक बार दे दे वजह तू
मुझसे है क्यूँ खफा
बेवजह मुझे दी सजा
बंदगी क्यूँ छूटे हाथों से
चांदनी भी सिमटे रातों से
साँसों की थी सांसो से जुडी
प्यार की वो कसमें तोड़ दी
फिर भी लगे मुझे यहीं
तू है तू है तू है यही कहीं
तू है तू है तू है यही कहीं
तू है तू है तू है यही कहीं

रौशनी

WRITERS

Vikkas Vick

PUBLISHERS

Lyrics © Raleigh Music Publishing LLC, RALEIGH MUSIC PUBLISHING

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