मन ये साहिब जी, जाने है सब जी
नैना नवाबी जी, देखे हैं सब जी
मन ये साहिब जी हाँ करता बहाने
नैना नवाबी जी ना समझे इशारे (समझे इशारे)
धीरे-धीरे, नैनों को धीरे-धीरे
जिया को धीरे-धीरे भायो रे साएबो
धीरे-धीरे, बेगाना धीरे-धीरे
अपना सा धीरे-धीरे लगे रे साएबो
हाँ अर्जियां हैं नजारों में
कैसी हुजूरी जी ये लब दिखलाए
चुप्पी लगा के भी ग़ज़ब है ये ढाए
धीरे-धीरे, नैनों को धीरे-धीरे
जिया को धीरे-धीरे भायो रे साएबो
धीरे-धीरे, बेगाना धीरे-धीरे
अपना सा धीरे-धीरे लागे रे साएबो (साएबो)
WRITERS
JIGAR MUKUL SARAIYA, PRIYA JIGAR SARAIYA, SACHIN JAYISHORE SANGHVI, SAMEER ANJAAN