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Silsila

1981

Sar Se Sarke

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Lyrics
सर से सर के सर की चुनरिया
लाज भरी अखियों में

सर से सरके सर की चुनरिया
लाज भरी अखियों में
हो, मैया गाए सगन
बहना होके मगन नाचे सखियों में
सर से सरके सर की चुनरिया
लाज भरी अखियों में
हो, मैया गाए सगन
बहना होके मगन नाचे सखियों में
नैनों में निंदिया, निंदिया में सपने
सपनों में साजन जब से बसा
बहारें आई जीवन में
नई हलचल है तन-मन में
एक रूप बसा है अखियों में, हो
सर से सरके सर की चुनरिया
लाज भरी अखियों में

कुछ लम्हे जीवन के चुरा ले
साँसों की ये आग बुझा ले
दुनिया से दूर नई दुनिया बसा ले

जब से मिली हैं तुझसे निगाहें
जादू ये कैसा मुझ पे हुआ
कि दिल जब तन्हा लगता है
मुझे कुछ ऐसा लगता है
तू झाँक रहा है अखियों में, हो
सर से सरके सर की चुनरिया
लाज भरी अखियों में

आज का हर एक पल सुंदर है
कल क्या हो किसको ये ख़बर है
लंबा सफ़र, ज़िंदगी मुख़्तसर है

डर लग रहा है, क्या जाने क्या हो
दिल तुझको मैंने जब से दिया
उड़ी हैं नींदें आँखों से
तेरी ऐसी ही बातों से
बदनाम हुई हूँ सखियों में, हो
सर से सरके सर की चुनरिया
लाज भरी अखियों मेंहो, मैया गाए सगन
बहना होके मगन नाचे सखियों में

नैनों में निंदिया, निंदिया में सपने
सपनों में साजन जब से बसा
बहारें आई जीवन में
नई हलचल है तन-मन में
एक रूप बसा है अखियों में, हो
सर से सरके सर की चुनरिया
लाज भरी अखियों में

तारों से ये माँग सजा दूँ
होंठों पे एक फूल खिला दूँ
तेरे लिए सारी दुनिया भुला दूँ

महकेगा सारा गुलशन हमारा
दिल का सहारा बाँहें तेरी
खुशी से हरी-भरी होगी
ये दुनिया तेरी-मेरी होगी
एक फूल खिलेगा बगियों में, हो
सर से सरके सर की चुनरिया
लाज भरी अखियों में
हो, मैया गाए सगन
बहना होके मगन नाचे सखियों में

सर से सरके सर की चुनरिया
लाज भरी अखियों में
हो, मैया गाए सगन
बहना होके मगन नाचे सखियों में

WRITERS

Shiv-Hari, Hassan Kamal

PUBLISHERS

Lyrics © Royalty Network

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