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Kitna Badal Gaya Insaan

Hit Parade Vol 1
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Lyrics
ये तो आप जानते ही है के गीतमाला Hit Parade का आधार है
श्री लंका broadcasting corporation से प्रसारित होने वाला radiio program
गीतमाला जो शुरु हुआ 1992 में पहले ये बुधवार की शाम पेश होता था
और फिर गुरूवार को गूंजने लगा सिबाका गीतमाला के नाम से
और इसी का एक रूप विविध भारती के अनेक स्टेशनो पर भी निखरा
हर सोमवार की रात 8 बजे बर हाल बहनो और भाइयों
इस समय हम गीतमाला Hit Parade के सफर में 1955 के दूसरे भाग में पहुंच चुके है
और उस वर्ष के छे सबसे ज़्यादा चले हुए top hit गीत सुनना शुरू करने वाले है
1955 के गीत नंबर छे में कवी प्रदीप ने
खुद अपनी ही अज़ाज़ में दुनिया की दशा का गिला किया था
शायद ये भी ना जानते हुए उसके बाद तो संसार की हालत और भी बिगड़ती चली जाएगी

देख तेरे संसार की हालत
क्या हो गई भगवान
देख तेरे संसार की हालत
क्या हो गई भगवान
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान
सूरज न बदला चाँद न
बदला ना बदला रे आसमान
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान

धुन C. Ramchandra की थी और फिल्म थी जी हाँ नास्तिक

आया समय बड़ा बेढंगा
आज आदमी बना लफ़ंगा
कहीं पे झगडा
कहीं पे दंगा नाच रहा नर
हो कर नंगा छल और कपट के
हाथों अपना बेच रहा ईमान
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान
देख तेरे संसार की हालत
क्या हो गई भगवान
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान

जो हम आपस में ना झगड़ते
बने हुए क्यों खेल बिगड़ते
काहे लाखों घर ये उजड़ते
क्यों ये बच्चे माँ से बिछड़ते
फूट फूट कर क्यों रोते प्यारे बापू के प्राण
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान
देख तेरे संसार की हालत
क्या हो गई भगवान
कितना बदल गया इंसान
कितना बदल गया इंसान

और मकबूलियत के पांचवे द

WRITERS

PRADEEP, C. RAMACHANDRA

PUBLISHERS

Lyrics © Royalty Network

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